Monday, February 25, 2008

पुष्पा तिवारी का नया उपन्यास

नरसू की टुकुन कथा

श्रीमती पुष्पा तिवारी का तीसरा उपन्यास नरसू की टुकुन कथा देश भर की पुस्तक दुकानों में उपलब्ध है.
एक नृत्य गुरु के जीवन को केंद्र में रख कर रचे गए इस उपन्यास का विमोचन हाल ही में जबलपुर में सुप्रसिद्ध कथाकार और पहल के संपादक ज्ञानरंजन के हाथो हुआ.
पुस्तक के प्रकाशक हैं मेधा प्रकाशन.
आप पढ़ें और अपनी राय दे.
श्रीमती पुष्पा तिवारी का ईमेल पता है ptdurg@gmail.com

प्रिय कवि विनोद कुमार शुक्ल की एक कविता

कोई अधूरा पूरा नहीं होता

कोई अधूरा पूरा नहीं होता
और एक नया शुरू होकर
नया अधूरा छूट जाता
शुरू से इतने सारे
कि गिने जाने पर भी अधूरे छूट जाते

परंतु इस असमाप्त –
अधूरे से भरे जीवन को
पूरा माना जाए, अधूरा नहीं
कि जीवन को भरपूर जिया गया

इस भरपूर जीवन में
मृत्यु के ठीक पहले भी मैं
एक नई कविता शुरू कर सकता हूं
मृत्यु के बहुत पहले की कविता की तरह
जीवन की अपनी पहली कविता की तरह

किसी नए अधूरे को अंतिम न माना जाए ।